कविता कविता:वर्षा रानी July 11, 2012 / July 11, 2012 by प्रो ए. डी. खत्री | Leave a Comment डा. ए. डी.खत्री वर्षा रानी काले काले बदल आये लगता हैं जल लेकर आये धरती प्यासी , लोग हैं प्यासे कब से बैठे आस लगाये . बदरा बरसो रिमझिम – रिमझिम कृषक की चिंता दूर करो तुम बोएं बीज खेत लहलहाएं और अधिक न देर करो तुम . वर्षा रानी तुम हो देवी […] Read more » poem by khatri ji