कविता व्यंग्य कविता : मनहूस चेहरा May 7, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा पूरे पांच वर्ष बाद चुनाव के समय जब नेताजी लौटकर अपने गाँव आए तो देखकर उन्हें गांववाले बहुत गुस्साए कहा, उनलोगों ने उनसे आप फ़ौरन यहाँ से चले जाइए और फिर कभी अपना यह मनहूस चेहरा हमें न दिखलाइए सुनकर यह नेताजी हो गए उदास कहा, लोगों को बुलाकर अपने पास भाई, अगर […] Read more » poem by milan sinha व्यंग्य कविता