कविता सरफरोशी की तमन्ना अब बड़़ी मुश्किल में है February 27, 2014 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment – सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र”- सरफरोशी की तमन्ना को बिस्मिल जी ने किस मनोभाव में लिखा होगा… कभी गौर से पढ़िये तो एक एक शब्द एक शहादत की कहानी कहता मिलेगा, लेकिन आज कहां लुप्त है हमारा सरफरोशी का ये भाव… एक बार सोचिये… आज हालात कुछ यूं है- सरफरोशी की तमन्ना अब बड़़ी मुश्किल […] Read more » poem on national integrity सरफरोशी की तमन्ना अब बड़़ी मुश्किल में है