कविता साहित्य वो छप्पर May 27, 2019 / May 27, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment वो छप्पर जिसके नीचे कभी चार जिन्दगियों का गुजारा हुआ करता था।जो जाड़े की गलन सेगर्मी की तपन सेबरसात की सीलन से उन्हें बचाता था।खुद धूप, ठंड , बरसात को झेलकर उन्हें सुरक्षित रखता था।छप्पर को सहारा देने वाले दोस्त जैसे थमले,उन पर होने वाले आँधियों के हमले।लेकिन फिर भी वो हमेशा छप्पर के साथ खड़ा रहता था,आँधियों […] Read more » poem on roof poetry roof