कविता ॠतुराज वसंत को नमन February 12, 2014 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment आया वसंत छाया वसंत लेकर आया खुशियां अनंत नदियां बहतीं कल-कल, कल-कल सुरभित पुष्पम चहुं दिग्दिगंत गाती कोयल स्वर कुहुक-कुहुक बोले पपीहा पिउ-पिउ रटंत पादप करते तड़-तड़, तड़-तड़ झरने झरते झर-झर झरंत धरती प्रसन्न अंबर प्रसन्न जड़ चेतन पशु मानव प्रसन्न ॠषि मुनियों का चित ध्यान मग्न मदनोत्सव करते […] Read more » poem on vasant ॠतुराज वसंत को नमन