राजनीति बिहार में ‘जाति के वेंटिलेटर’ के सहारे ही जीवित है ‘राजनीति’ March 20, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- विकास की किसी भी अवधारणा का जाति या मजहब से जोड़ा जाना किसी भी दृष्टिकोण से जायज नहीं है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है l लोकसभा चुनावों के परिदृश्य में ही अगर बात की जाए तो बिहार में अब भी जाति ही मुख्य चुनावी मुद्दा बनकर उभर रही है। हरेक पार्टी एक खास जाति को […] Read more » politics of Bihar बिहार में ‘जाति के वेंटिलेटर’ के सहारे ही जीवित है ‘राजनीति