व्यंग्य अब सब हो चुके हैं चार्जेबल July 8, 2012 / July 8, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment जितनी भरी चाभी, उतना चले खिलौना डॉ. दीपक आचार्य अब जमाना सेल्फ चार्ज या सेल्फ लर्निंग का नहीं है बल्कि अब जो कुछ होता है सब चार्जेबल है। चार्ज नहीं तो कुछ नहीं। चार्ज हुआ तो चलेगा और नहीं हुआ तो मरा या अधमरा बेदम पड़ा रहेगा। जमाने की हवाओं को देख लगता है […] Read more » psycophant