विविधा यह कैसा न्याय? अपराध सिद्ध फिर भी सजा नहीं! November 21, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on यह कैसा न्याय? अपराध सिद्ध फिर भी सजा नहीं! इस बात को कोई साधारण पढालिखा या साधारण सी समझ रखने वाला व्यक्ति भी समझता है कि देश के खजाने को नुकसान पहुँचाने वाला व्यक्ति देशद्रोही से कम अपराधी नहीं हो सकता और उसके विरुद्ध कानून में किसी भी प्रकार के रहम की व्यवस्था नहीं होनी चाहिये, लेकिन जिन्दगीभर भ्रष्टाचार के जरिये करोडों का धन […] Read more » culprit punishment भ्रष्टाचार