व्यंग्य अस्सी वाले स्वतंत्र बाबा कहीन “लोकतंत्र की फ्रीस्टाईल नूराकुश्ती” March 1, 2014 / March 1, 2014 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment – सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र”- राजनीति एक बार दोबारा अपने चिर-परिचित स्वरूप की ओर बढ़ चली है। वही स्वरूप जिसमें पद पिपासा और अवसरवाद सर्वाधिक लोकप्रिय सिद्धांत है। इस बात को देखकर मेरे बाबा का एक पुराना शेर याद आ गया जो वे अक्सर ही कहा करते थे, सियासत नाम है जिसका वो कोठे की […] Read more » satire on democracy अस्सी वाले स्वतंत्र बाबा कहीन "लोकलंत्र की फ्रीस्टाईल नूराकुश्ती"