व्यंग्य साहित्य मानसून बिना, सब सून June 14, 2016 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment आजकल हर कोई मानसून आने का इंतज़ार कर रहा हैं , लेकिन मानसून तो पेट्रोल और डीज़ल की तरह भाव खा रहा हैं। लोग तरस रहे हैं पर बादल बरस नहीं रहे हैं, लगता हैं उन्होंने भी कमेंट्री करते सिद्धू जी के मुँह से ये मुहावरा सुन लिया है की ” गुरु ,जो गरजते हैं […] Read more » sattirical article on monsoon मानसून