कविता सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . August 13, 2011 / December 7, 2011 by अशोक बजाज | 1 Comment on सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . खेतों की हरियाली को , किसानों की खुशहाली को ; तूने बहुत हताश किया . सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . रूठे बादलों को मनाने का , हवाओं को फुसलाने का ; क्यों नहीं प्रयास किया , सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . अब तू […] Read more » Savana सावन