कविता सात सन्नाटे, एक संसार May 28, 2025 / May 28, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment एक घर था कभी, जहाँ हँसी भी गूंजती थी,आज वहीं शून्य की चीत्कार सुनाई देती है।सात देहें, सात कहानियाँ, सात मौन प्रश्न,और हम सब — अब भी चुप हैं… केवल देखते हैं। कहते हैं — “क्यों नहीं बताया?”पर क्या कभी हमने पूछा था — “कैसे हो?”कभी चाय पर बैठकर पूछा होतातो शायद ज़हर के प्याले […] Read more » Seven silences आत्महत्या