लेख सोशल नेटवर्किंग बनाम सेक्स नेटवर्किंग August 13, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 5 Comments on सोशल नेटवर्किंग बनाम सेक्स नेटवर्किंग डॉ. मनोज चतुर्वेदी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह समाज के लिए जीता व मरता है। यदि वह समाज से अलग हो तो या वह देवता होगा या तो दानव होगा, लेकिन जब वह समाज में फ्रेंड्शिप के बहाने सेक्स, जनप्रवाद, अपशब्दों का मायाजाल फैलाए तो गोयबल्स की श्रेणी में आ जाता है। वह समाजिक […] Read more » Sex networking सेक्स नेटवर्किंग सोशल नेटवर्किंग