कविता मूर्खो का समाज August 1, 2022 / August 1, 2022 by रोहित सुनार्थी | Leave a Comment आज उसके गालो पर लाली नहीं है पर आज उसके गाल लाल है दो तमाचे पड़े है अपने पति से और क्या? फिर भी आज खाना बनाया है पति के हिस्से का भी जिसे ठुकराकर वो चला गया है बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजा है हाँ माथा भी चूमा है उनका पत्नी नाराज़ है […] Read more » society of fools