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लेख

समस्याएं अनेक, हल एक

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अशोक गुप्त हमारे देश में बहुत ही समस्याएं हैं जिनकी संख्या और आकार बढ़ता ही जा रहा है. अधिकतर बढ़ती समस्याओं का कारण हमारी बढ़ती जनसंख्या और गरीबी है. गरीबी और कार्य के साधन सीमित होने के कारण गाँवों से महानगरों की ओर पलायन जारी है जिसके कारण शहरों में बिजली और पानी की कमी और बढ़ते प्रदूषण के साथ सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे और बढ़ती झुग्गियों  की समस्याएं हो रही है. एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 1000 से अधिक झुग्गी कालोनियां हैं जिनमें कई लाख लोग अमानवीय परिस्थितियों में रहते हैं. ये कालोनियां कहीं-कहीं तो नालों के किनारे या नालों के अंदर भी बसी हुई है. कई स्थानों पर तो नालों को पाट  दिया गया है जिससे बरसाती पानी का भाव रुक जाता है और बारिश होने पर बाढ़ की समस्या पैदा हो जाती है और पानी का निकास नहीं हो पाता .  इन समस्याओं को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बहुत सी सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे वाली झुग्गियां  हटाई हैं पर इससे ये समस्याएं हल होने वाली नहीं हैं. ये  समस्याएं तभी हल हो सकती हैं यदि ये लोग दिल्ली या ऐसे महानगरों में न रहकर अपने मूल स्थान पर रहें. पलायन रोकने हेतु जनसंख्या वृद्धि पर रोक बहुत आवश्यक है क्योंकि परिवार में बच्चों की अधिक संख्या गरीबी बढ़ाती है पर यह गरीब लोग यह समझ नहीं पाते और उनके प्राय तीन-चार बच्चे होते हैं.  इसके लिए आवश्यक है कि सरकारी योजनाओं जैसे फ्री राशन आदि का लाभ उन्हीं गरीबों को मिले जिनका एक ही बच्चा हो और जो अपने मूल स्थान पर रहते हों. दूसरा बच्चा होते ही यह सुविधा वापस ले ली जानी चाहिए.  यदि हम अपने आसपास देखें तो पाएंगे कि हमारे संपर्क में आने वाले अधिकतर निम्नवर्गीय लोगों के प्राय तीन-चार बच्चे होते हैं. यह वर्ग परिवार नियोजन हेतु गंभीर नहीं होता जबकि अधिकतर पढ़े लिखे मध्यवर्गीय परिवारों में एक से अधिक बच्चा नहीं होता क्योंकि एक बच्चे को ही अच्छे स्कूल में पढ़ाना बहुत महंगा हो चुका है. ऐसे परिवार मजबूरी में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर अमानवीय परिस्थितियों में रहते हैं पर कम बच्चे पैदा कर अपना जीवन स्तर ऊपर उठाने को तैयार नहीं हैं. केवल लालच ही इन्हें के लिए प्रेरित कर सकता है   इन्हें परिवार नियोजन हेतु प्रेरित करने के लिए सरकार यह नियम बना सकती है कि फ्री राशन जैसी सुविधा केवल उन्हीं गरीब परिवारों को मिले जिन परिवारों में केवल एक बच्चा हो. सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में  ₹1000 प्रति मास से ₹12000 प्रति वर्ष की राशि दे सकती है यदि यह अपने मूल स्थान पर रहते हैं. दूसरा बच्चा पैदा होने पर उनकी यह सुविधा छीन ली जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त फ्री राशन जैसी सुविधा भी केवल उन्हें परिवारों को दी जानी चाहिए जो अपने मूल स्थान पर रहते हैं और जिनका एक ही बच्चा हो .  यदि यह योजना ठीक से लागू हो पाए तो अगले कुछ वर्षों में जहां गांव से महानगरों में पलायन की समस्या पर लगाम लगेगी, वहीं गरीब जनता के जीवन स्तर में सुधार होगा, उनके बच्चे अच्छा पोषण और अच्छी शिक्षा पा सकेंगे और देश के संसाधनों पर दबाव कम होगा. इसके अतिरिक्त दिल्ली जैसे महानगरों की तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर भी लगाम लगेगी और बिजली पानी की समस्याओं व अवैध कब्जे की समस्याओं से धीरे-धीरे मुक्ति मिल पाएगी . इसके अतिरिक्त अवैध कब्ज़ों पर सरकार  को नो टॉलरेंस  नीति अपनानी चाहिए। हटाई गई झुग्गियों के स्थान पर पुनः झुग्गियां बनने या नई  झुग्गी बनने पर पुलिस अधिकारियों  पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अवैध बसने वालों को प्रोत्साहन न मिले.

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