कविता देश ही सर्वोच्च है। August 27, 2020 / August 27, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जिस देश में हमने जन्म लिया,उस देश पर हम बलिदान हो जाए।जो निर्बल है पिछड़े है इस देश में,उनको तारे हम पहले फिर खुद तर जाए।। रहे ध्यान निज मान मर्यादा का,उसका हनन हम कभी न होने दे।जो करे हनन हमारी मर्यादाओं का,उनको देश में कभी हम बढ़ने न दे।। करे देश की रक्षा हम […] Read more » The country is supreme. देश ही सर्वोच्च है।