आलोचना कनिष्क : खाने को दाना नहीं शौचालय बनाना है। August 17, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | Leave a Comment अपने देश का दुर्भाग्य है,हम हर चीज पहले हीं देख लेते हैं और हजारों साल ढोने के बाद भी उसे पुरी तरह आत्मसात नहीं कर पाते। आप इस कथ्य का द्र्श्टांत देखें तो फेहरिस्त लम्बी बनेगी। हमने लोकतंत्र और गणराज्य हज़ारों वर्ष पहले देखा, जिया और लिखा। पर आजतक हम एक आदर्श स्वरूप नहीं दे […] Read more » Toilet शौचालय