कविता कविता: क्या करें हम ? November 18, 2010 / December 19, 2011 by राजीव दुबे | 2 Comments on कविता: क्या करें हम ? ढह गई इमारत दब गए – मर गए नाचीज़ लोग झल्लाहट छा गई दिल्ली के दरबार में उफ्फ, ये गरीब, करते बरबाद गुलाबी सर्दी हमारी ! कह दिया – धमका दिया जनता को और अगले ही दिन हो गए बेघरबार हजारों कुछ और ढह सकने वाली इमारतों से । अब लेगें चैन की साँस पीछा […] Read more » WHAT TO DO कविता राजीव दुबे