लेख जाति की जंजीरें: आज़ादी के बाद भी मानसिक गुलामी April 10, 2025 / April 10, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment आस्था पेशाब तक पिला देती है, जाति पानी तक नहीं पीने देती। कैसे लोग अंधभक्ति में बाबा की पेशाब को “प्रसाद” मानकर पी सकते हैं, लेकिन जाति के नाम पर दलित व्यक्ति के छूने मात्र से पानी अपवित्र मान लिया जाता है। इन समस्याओं की जड़ें धर्म, राजनीति, शिक्षा और मीडिया की भूमिका में छिपी […] Read more » आज़ादी के बाद भी मानसिक गुलामी