कविता आदमी की फितरत June 9, 2022 / June 9, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भावना में बह जाता है जब आदमी।दिल की बात कहता है तब आदमी।। परख लेता है जब किसी को भी आदमी।दिल में बसा लेता या बस जाता आदमी।। मनमुटाव पर कहता कुछ नही आदमी।दूर हो जाता है जो पास होता आदमी।। पढ़ लेता है जब किताब कोई आदमी।अच्छी चीजे ग्रहण कर लेता है आदमी।। दर्द […] Read more » आदमी की फितरत