कविता एक नया सबेरा April 1, 2020 / April 1, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अगर शाखे रही तो,नये पत्ते भी आयेंगे |ये दिन बुरे है तो, अच्छे दिन भी आयेंगे || कुछ दिन कट गये और दिन भी कट जायेंगे |नया सबेरा आयेगा,धुंध के बादल छट जायेंगे || हर अँधेरी रात के बाद आता है नया प्रभात |सूखे पत्ते के बाद आते है तरु पर नये पात || यही […] Read more » एक नया सबेरा