राजनीति कारवां गुजर गया और गुबार ही गुबार रहा…. October 14, 2013 by एम. अफसर खां सागर | 3 Comments on कारवां गुजर गया और गुबार ही गुबार रहा…. रहिमन धागा प्रेम का मत तोडो चटकाय टूटे तो जुड़े नाहीं, जुड़ै तो गांठ पडि जाए। इंसानी फितरत ने समाज के दो तबकों को इत तरह बांट दिया है कि विश्वास की डोर कमजोर ही नहीं टूट चुकी है। मानवता कराह उठी और हालात ने दो समाजों को नफरत के आग में जला दिया। असल […] Read more » कारवां गुजर गया और गुबार ही गुबार रहा....