व्यंग्य हे ! कोरोना देव लौट जाओ स्वदेश April 27, 2020 / April 27, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हे ! कोरोना देव: त्वमेव नमस्तुभ्यम। आप यत्र-तत्र और सर्वत्र व्याप्त हैं। आपकी महिमा अपरम्पार है। हे ! देव आपका विस्तार अनंत आकाश से लेकर भूगर्भ लोक तक है। आप अनंत और अक्षय हैं। पूरी दुनिया आपके सामने नतमस्तक और भय से […] Read more » कोरोना देव