गजल गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम May 22, 2012 / May 22, 2012 by हिमकर श्याम | 3 Comments on गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम जहां तक हुआ खुद को बहलाते रहे गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे छूटती रही ख़ुशियों की डोर हाथों से वक़्त हमें, हम उसे आजमाते रहे राहों में न सही हौसलों में दम है बस क़दम दर क़दम हम उठाते रहे आरज़ू थी जो दिल की रह गयी दिल में हादसे दर […] Read more » gazal by himkar shyam गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम गजल:हिमकर श्याम