कविता साहित्य छोटी- सी आशा June 5, 2013 / June 5, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment जानता नहीं है कहाँ है उसका मुकाम । वह तो लगा रहता है बनाने में एक के बाद दूसरा बहुमंजिला मकान । छोटे-से गाँव का है वह एक कुशल कारीगर । आ गया है यहाँ अपना घर – द्वार छोड़कर । गाँव का वह झोपड़ीनुमा घर भी गिरवी रख आया था, जिसे कुछेक सालों में […] Read more » छोटी- सी आशा