समाज प्रवासी मजदूर बनाम सच्चे सर्वहारा December 7, 2018 / December 7, 2018 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप मज़दूरों का प्रवासी होना (‘माइग्रेशन’, आप्रवास या प्रव्रजन) पूँजीवाद की आम परिघटना, लक्षण और परिणाम है। यूँ तो ज़्यादातर औद्योगिक मज़दूर या अन्य शहरी मज़दूर भी ऐसे ही लोग हैं जो (या जिनकी पूर्ववर्ती पीढ़ियाँ) कभी न कभी गाँव से प्रवासी होकर शहर आये थे। धीरे-धीरे वे किसी एक शहर या औद्योगिक क्षेत्र […] Read more » कैजुअल ठेका दिहाड़ी प्रवासी मजदूर बनाम सच्चे सर्वहारा भारतीय पूँजीपतियों