राजनीति हे दयानिधे! जरूरी नहीं, सभी आपके अनुरूप हो.. February 17, 2025 / February 17, 2025 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन’ संस्कृत देवभाषा है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत है तो संस्कार है, संस्कृति है। संस्कृत नहीं तो कुछ भी नहीं। प्रसिद्ध उक्ति भी है, भारतस्य प्रतिष्ठा द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा इति। साफ अर्थ है कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत और संस्कृति इन्हीं दोनों में निहित है। संस्कृत-संस्कृति का मूल है। कोई […] Read more » डीएमके सांसद दयानिधि मारन