व्यंग्य दबिश दावतखोरों की November 8, 2011 / December 5, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on दबिश दावतखोरों की पंडित सुरेश नीरव यह देश एक दावतप्रधान देश है। विवाह-शादी,नामकरण-सालगिरह-मुंडन,रिटायरमेंट और तेरहवीं के ब्रह्मभोज पर हंसते-हंसते दावत का दंड भोगना भारत के हर शरीफ नागरिक की सर्वोच्च नियति है। अपनी हैसियत और औकात के मुताबिक इन अवसरों पर वह भोजन प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। और भयानक काच-छांट के बाद चुनिंदा लोगों को जीमने के […] Read more » दबिश दावतखोरों की