कविता साहित्य दर्द और दहशत July 1, 2013 / July 1, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment उसने देखा है गाय और भैसों को ट्रक और ट्रेक्टर से ले जाते हुए उसने देखा है भेड़ और बकरी को टैम्पू और तांगे पर ले जाते हुए उसने देखा है मेमने को बोरे में डाल कर साइकिल से ले जाते हुए उसने देखा है मुर्गियों को रिक्शे- ठेले पर ले जाते हुए और हर […] Read more » दर्द और दहशत