कविता नकली कान्हा August 17, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment जन्माष्टमी का पर्वबड़ी धूमधाम से मनाया गया,बाज़ार से पीताम्बर मंगवाया गया।जो बच्चे डरते हैं छिपकली से,उन्होंने भी कान्हा बनाया गया।सिर पर मुकुट पहना, कर बांसुरी दी गई,इस अद्भुत छवि की खूब सेल्फ़ी ली गई। बालिकाएँ राधा बन गई थीं,बड़ी ही मोहक लग रही थीं।रूप तो नयनाभिराम था,पर सब बाज़ार का ही तो सामान था।बच्चों को […] Read more » नकली कान्हा