पुस्तक समीक्षा साहित्य पांचो नौबत बाजती –(समीक्षा) March 30, 2016 / March 30, 2016 by बी एन गोयल | 2 Comments on पांचो नौबत बाजती –(समीक्षा) बी एन गोयल कल्पना कीजिये- कल्पना क्यों – ये दो वास्तविक प्रकरण हैं. मंच पर कुमार गन्धर्व का गायन चल रहा है – ….उड़ जायेगा ……हंस अकेला ……..भक्ति की रस धार बह रही है, गायक के स्वर सीधे ब्रह्म से जुड़े हैं श्रोता वर्ग मंत्र मुग्ध है, आँखें बंद हैं, कुछ मुंडियां हिल रही […] Read more » पांचो नौबत बाजती