दोहे फागुन रंग बहार March 5, 2015 / March 6, 2015 by हिमकर श्याम | 1 Comment on फागुन रंग बहार हँस कर कोयल ने कहा, आया रे मधुमास। दिशा-दिशा में चढ़ गया, फागुन का उल्लास।। झूमे सरसों खेत में, बौराये हैं आम। दहके फूल पलास के, हुई सिंदूरी शाम।। दिन फागुन के आ गए, सूना गोकुल धाम। मन राधा का पूछता, कब आयेंगे श्याम।। टूटी कड़ियाँ फिर जुड़ीं, जुड़े दिलों के तार। […] Read more » फागुन रंग बहार