दोहे साहित्य बस माँगे अधिकार June 25, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment कैसे कैसे लोग से भरा हुआ संसार। बोध नहीं कर्त्तव्य का बस माँगे अधिकार।। कहने को आतुर सभी पर सुनता है कौन। जो कहने के योग्य हैं हो जाते क्यों मौन।। आँखों से बातें हुईं बहुत सुखद संयोग। मिलते कम संयोग यह जीवन का दुर्योग।। मैं अचरज से देखता बातें कई नवीन। […] Read more » बस माँगे अधिकार