कविता बाबूजी का थैला June 20, 2020 / June 20, 2020 by डॉ. सदानंद पॉल | Leave a Comment ■ डॉ. सदानंद पॉल होश सँभालने से अबतक,थैले ढो रहे हैं बाबूजी;बचपन में स्लेट व पोथी लिएथैले ढोये थे बाबूजी;कुछ बड़े हुए, तो उसी थैले मेंटिकोले चुनते थे बाबूजी;उमर बढ़े, उसी थैले में मिट्टी खिलौने भरबेचने, मेले जाते थे बाबूजी;कुम्हारगिरी से गुजारे नहीं, तो दर्ज़ीगिरी लिएउसी थैले में कपड़े लाते थे बाबूजी;फिर टेलीफून भरकर उसी […] Read more » बाबूजी का थैला