कविता बाल गीत/ क्षेत्रपालशर्मा July 5, 2011 / December 9, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | 2 Comments on बाल गीत/ क्षेत्रपालशर्मा फूलों जैसे उठो खाट से बछड़ों जैसी भरो कुलांचे अलसाये मत रहो कभी भी थिरको एसे जग भी नांचे नेक भावना रखो हमेशा जियो कि जैसे चन्दा तारे एसे रहो कि तुम सब के हो और सभी है सगे तुम्हारे फूलो फलो गाछ हो जैसे बोलो बहता नीर कांटे बनकर मत जीना तुम हरो परायी […] Read more » Child song बाल गीत