राजनीति राजनीति ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाया July 21, 2015 by आलोक कुमार | 1 Comment on राजनीति ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाया सेवा नहीं , खुद के लिए मेवा का जुगाड़ ही आज की राजनीति है l मेवा खाने की तड़प ही राजनीति की ओर खींच लाती है l आज राजनीति का मूल-मंत्र क्या है “मेवा नहीं तो सेवा नहीं l” पिछले अड़सठ सालों में हमारी किसी भी सरकार ,हमारे किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया जिससे राजनीति से भ्रष्टाचार […] Read more » भ्रष्टाचार को शिष्टाचार राजनीति