विविधा अब खामोश क्यों हैं मानवाधिकारों के पैरोकार May 3, 2013 / May 3, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | 2 Comments on अब खामोश क्यों हैं मानवाधिकारों के पैरोकार सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” मानवाधिकार वास्तव में एक जटिल विषय है । जटिल इसलिए क्योंकि इन्ही का लाभ लेकर ही अक्सर तथाकथित सेक्यूलर लोग आतंकियों के हित संवर्धन का रोना रोते हैं । हांलाकि भारत के अलावा अन्य देशों में हालात दूसरे हैं । जहां तक भारत का प्रश्न है तो हमारे यहां सदैव से आतंकियों […] Read more » मानवाधिकारों के पैरोकार