लेख साहित्य भैया! , सही सही लगाओ January 1, 2018 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment अमित शर्मा “सस्ता रोये बार बार, मँहगा रोये एक बार” यह कहावत सदियो से (पैदल)चली आ रही है लेकिन इस कहावत से पूंजीवादी होने की बदबू, 1600 CC इंजन वाली गाडी की गति की तरह तेज़ आती है, जो हमारे समाजवादी समाज की नाक में दम और दमा दोनों करने का माद्दा रखती है। इस […] Read more » मोलभाव