कविता साहित्य शबनमी आेश के कण August 22, 2017 by राकेश कुमार सिंह | Leave a Comment राकेश कुमार सिंह शबनमी ओश के कण मोती सदृस्य बिखरे हुये, कोमलता पारदर्शी, मुखड़ा तुम्हारा याद आया ! शीतल मंद वायु का झोका, मौसम अठखेलियाँ करता हुआ, गुंजार भ्रमरों का सुना तो, हँसना तुम्हारा याद आया ! चटखती हुई कलियाँ; महक पुष्पित फिजा की, निर्गमित आह्लाद बनकर, पायल छनकाना तुम्हारा, बरबस हमें याद आया ! […] Read more » शबनमी आेश के कण