स्वास्थ्य-योग संतुलन ही स्वास्थ्य है January 21, 2015 by बलवन्त | 1 Comment on संतुलन ही स्वास्थ्य है संतुलित जीवन में सौम्यता, सद्भावना, सदाचार एवं सद्वृत्ति जैसे सद्गुणों का प्रादुर्भाव होता है। वहीं असंतुलन की स्थिति में दुर्भावना, दुराचार एवं दुष्प्रवृत्ति जैसे दुर्गुण जन्म लेते हैं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है किन्तु संतुलित एवं सातत्यपूर्ण परिवर्तन ही शुभ एवं कल्याणकारी होते हैं। असंतुलित एवं सातत्यविहीन परिवर्तन अशुभ, अमांगलिक एवं विध्वन्सकारी होते हैं। कलियों […] Read more » संतुलन ही स्वास्थ्य है