कविता साहित्य
समारोह
by कुमार विमल
आज शहर में एक समारोह हैं, इस पावन पुनीत मांगलिक बेला पर, नेता भी आए, अभिनता भी आए, सज्जन भी आए, अपराधी भी आए । अरे देखो वहाँ महफ़िल सजी है, नए आभूषण, नए परिधान, नए फैशन, नए रिवाज , ऐसा लगता है मनो भव्यता की कुश्ती छिडी है । आधुनिकता के रंग […]
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