साक्षात्कार साक्षात्कार : डॉ. महेश चन्द्र शर्मा March 3, 2016 by अमित राजपूत | Leave a Comment कोई चीज़ स्वदेशी है इतने मात्र से ही वह ग्राहीय नही होती हैं।विदेशी होने मात्र से त्याज्य और स्वदेशी होने मात्र से ग्राहीय ऐसा दीनदयाल जी नहीं मानते हैं।छुआछूत भी स्वदेशी है, लेकिन वह ग्राहीय तो नहीं है। इसलिए जो स्वदेशी है उसे युगानुकूल यानी युग के तर्क के अनुकूल बनाना और जो विदेशी है […] Read more » साक्षात्कार : डॉ. महेश चन्द्र शर्मा