कविता आज भी तरसते है हम उन सब लम्हों के लिये June 11, 2018 / June 11, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कुछ लम्हें आये जिन्दगी में,कुछ लम्हों के लिये आज भी तरसते है हम,उन सब लम्हों के लिये ख़ुदा ने हमसे कहा,कुछ तो मांग लो मुझ से मैंने कहा,बिताये लम्हें दे दो,कुछ लम्हों के लिये मेरे मुक्कदर में आये थे आप,कुछ लम्हो के लिये मैं सारी रात रोई, बिताये हुये उन लम्हों के लिये आते नहीं […] Read more » आज भी तरसते है ख़ुदा ने हमसे जिन्दगी तरस मेरे मुक्कदर हम उन सब लम्हों के लिये