कविता

मेरे दिल का दर्द


तेरी आंखों में मुझे अपना हाल दिखता है।
लगता है मुझे भी तू भी बेहाल दिखता है।।

बहाना ढूंढती रहती हूं,मैं बात करूं तुझसे।
वो बात क्या है जो बात नही करते मुझसे।।

हर कीमत पर तुझे मै अपना बनाना चाहती हूं।
जो कीमत मांगोगे मुझसे उसे चुकाना चाहती हूं।।

अपनी जिंदगी की तुझे मै,कहानी बना लूंगी।
जवानी तो क्या तुझ पर ये जिंदगी लुटा दूंगी।।

टुकड़ा हूं तेरे दिल का,अलग मुझे मत करना।
मुश्किल है ये मंजिल,साथ लेकर मुझे चलना।।

रह नही सकती अब जिन्दा,तेरे बैगर अब तो।
तड़फ बहुत चुकी हूं,आजा मेरे पास अब तो।।

मर कर भी दोनो का जनाजा एक साथ निकले।
“क्या पाक मोहब्बत है”,रस्तोगी के मुंह से निकले।।

आर के रस्तोगी