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कैंसर को  जानिए -इलाज करवाएं और जीवन का मज़ा उठायें 

चंद्र मोहन

भारत में कैंसर का इलाज अब संभव है और कई तरह के उन्नत उपचार उपलब्ध हैं, हालांकि इलाज की सफलता कैंसर के प्रकार, अवस्था और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करती है. भारत में कई सरकारी योजनाएँ, जैसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, और गैर-सरकारी संगठन (NGO) भी इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं. सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और लक्षित थेरेपी जैसे विभिन्न उपचारों से मरीजों को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल रही है.

उपलब्ध उपचार और प्रौद्योगिकियां

सर्जरी: कैंसरग्रस्त ट्यूमर को हटाने के लिए.

रेडिएशन थेरेपी: विकिरण से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए.

कीमोथेरेपी: दवाओं का उपयोग करके कैंसर का इलाज करने के लिए.

इम्यूनोथेरेपी: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैंसर से लड़ने के लिए मजबूत करने हेतु – 

हार्मोन थेरेपी: स्तन और प्रोस्टेट जैसे हार्मोन-संवेदनशील कैंसर के लिए.

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट: मुख्य रूप से रक्त कैंसर के लिए.

नवीनतम तकनीकें: भारत में साइबरनाइफ सर्जरी जैसी गैर-आक्रामक रोबोटिक रेडिएशन थेरेपी उपलब्ध है. हाल ही में, एक स्वदेशी CAR-T सेल थेरेपी को भी व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है.

सरकारी और गैर-सरकारी सहायता

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत): गरीब परिवारों को सालाना ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान करती है.

भारतीय कैंसर सोसायटी: वंचित रोगियों के लिए वित्तीय सहायता और देखभाल प्रदान करती है.

NGO और धर्मार्थ ट्रस्ट: कई संगठन मुफ्त या सब्सिडी वाला इलाज और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं.

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल: कैंसर रोगियों को मुफ्त या सब्सिडी वाला, उच्च गुणवत्ता वाला इलाज प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है.

अन्य महत्वपूर्ण बातें

कैंसर का इलाज उसके प्रकार, अवस्था और रोगी की व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है.

शुरुआती पहचान और समय पर उपचार से ठीक होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है.

डॉक्टर से नियमित जांच और परामर्श अत्यंत आवश्यक है. 

भारत में कैंसर के मरीजों की स्थिति चिंताजनक है क्योंकि कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और मृत्यु दर भी अपेक्षाकृत अधिक है. 2022 में लगभग \(14.6\) लाख नए मामले दर्ज किए गए, और अनुमान है कि 2025 तक यह संख्या \(12.8\%\) तक बढ़ जाएगी. फेफड़ों और स्तन कैंसर पुरुषों और महिलाओं में सबसे आम हैं, और तंबाकू व प्रदूषण जैसे कारकों के कारण यह दर और बढ़ रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच की खाई, और देर से निदान भी एक बड़ी चुनौती है.।

कैंसर के प्रमुख रुझान और चुनौतियाँ: मामलों में वृद्धि: 2022 में लगभग \(14.6\) लाख नए मामले सामने आए और 2025 तक इसमें \(12.8\%\) की वृद्धि का अनुमान है.

मृत्यु दर: भारत में कैंसर से मृत्यु दर अमेरिका और चीन जैसे देशों की तुलना में अधिक है.

सबसे आम कैंसर:पुरुषों में फेफड़े का कैंसर.महिलाओं में स्तन कैंसर।बच्चों में लिम्फोइड ल्यूकेमिया।कारण:तंबाकू और शराब का सेवन।प्रदूषण (वायु, जल और मिट्टी).अस्वास्थ्यकर आहार और जीवनशैली (व्यायाम की कमी, तनाव). देर से निदान और बेहतर स्वास्थ्य जागरूकता की कमी। शहरी और ग्रामीण असमानता:ग्रामीण क्षेत्रों के रोगियों को अक्सर उन्नत देखभाल केंद्रों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच एक बड़ा अंतर है, जिससे निदान और उपचार प्रभावित होता है.

उच्च मृत्यु दर के कारण:देर से निदान, क्योंकि कई लोग शुरू में लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. ।भारत में प्रिवेंटिव हेल्थ पर कम ध्यान दिया जाता है।

सरकारी प्रयास:सरकार ने गैर-संचारी रोगों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NP-NCD) शुरू किया है ताकि जोखिम कारकों को नियंत्रित किया जा सके.

कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान और तंबाकू से दूर रहें, स्वस्थ और संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों. नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें और अत्यधिक धूप और टैनिंग बेड से बचें। इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग करवाएं, खासकर यदि परिवार में कैंसर का इतिहास है.

जीवनशैली से जुड़े उपाय – 

धूम्रपान और तंबाकू से बचें: धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों (गुटखा, पान-मसाला, खैनी) का सेवन कैंसर के प्रमुख कारणों में से हैं. पैसिव स्मोकिंग से भी बचें.

स्वस्थ आहार लें: अपने भोजन में खूब सारे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल करें। प्रोसेस्ड मीट, लाल मांस और अधिक नमक का सेवन कम करें.

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें: नियमित व्यायाम करें और लंबे समय तक बैठे रहने से बचें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला या 75 मिनट तेज़ तीव्रता वाला व्यायाम करने का लक्ष्य रखें.

वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखें.

धूप से बचाव करें: धूप में बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का उपयोग करें, सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और दोपहर 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सीधे धूप में रहने से बचें। टैनिंग बेड से भी बचें.

शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन कम से कम करें.

नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं: नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें और सुझाए गए कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण (जैसे कि त्वचा, बृहदान्त्र, गर्भाशय ग्रीवा, और स्तन कैंसर की जांच) करवाएं। इससे कैंसर का शुरुआती चरण में पता लग सकता है, जब इसका इलाज सबसे प्रभावी होता है. 

शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान दें: अपने शरीर में किसी भी असामान्य बदलाव, जैसे कि गांठ या किसी भी प्रकार के स्थायी बदलाव पर ध्यान दें और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.

सुरक्षात्मक टीकाकरण पर विचार करें: एचपीवी जैसे वायरस के खिलाफ टीकाकरण करवाएं, जो कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है.

‘होप’ अस्पताल (HOPE Hospital) एक खास अस्पताल है जो भारत से कैंसर मिटाने में दो तरीकों से भूमिका निभाता है: पहला, यह अपनी विशेषज्ञता के साथ कैंसर की देखभाल प्रदान करता है, और दूसरा, यह आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा का एक साथ उपयोग करके समग्र उपचार प्रदान करता है. यह एक NABH मान्यता प्राप्त सुविधा है.

‘होप’ अस्पताल की भूमिका

समग्र कैंसर उपचार: ‘होप’ अस्पताल में आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा के साथ एकीकृत किया जाता है ताकि कैंसर रोगियों को समग्र उपचार प्रदान किया जा सके.

विशेषज्ञ देखभाल: ‘होप’ अस्पताल में विशेष रूप से कैंसर की देखभाल की जाती है, जिससे रोगियों को विशेषज्ञ सहायता मिल पाती है.

NABH मान्यता: यह अस्पताल एक NABH (National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare Providers) मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य सुविधा है, जो इसकी गुणवत्ता और सेवा के स्तर को दर्शाता है.

रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण: अस्पताल में प्राकृतिक उपचार और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए नई आशा और उपचार के तरीके प्रदान किए जाते हैं.

यहाँ पर डॉक्टर अमीश वोरा और उनकी टीम तत्परता से कार्य कर रही है. डॉक्टर सोनाली चटर्जी, डॉक्टर रूद्र कुमार मिश्रा मरीजों को स्वास्थ्य और बेहतर जीवन देने मेँ सपने कर्तव्य को अंजाम दे रहे हैँ.

चंद्र मोहन