राजेश कुमार पासी
जब भी बीमारू राज्यों की बात की जाती थी तो जिन दो राज्यों का नाम सबसे पहले जहन में आता था, उसमें पहला नाम बिहार और दूसरा यूपी का होता था। इसके अलावा मध्यप्रदेश और उड़ीसा भी बीमारू राज्य थे । जहां तक बिहार की बात है, वो भी विकास कर रहा है लेकिन अभी भी बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर नहीं आ पाया है। योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल चुका है । आज यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अब यूपी सरकार ने 2030 तक इसे एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है । देखा जाए तो यह काम आसान होने वाला नहीं है लेकिन योगी के रिपोर्ट कार्ड को देखते हुए असंभव भी नहीं लगता है ।
मुख्यमंत्री योगी ने बयान दिया है कि 2017 में यूपी की जीडीपी 12.36 लाख करोड़ रुपये थी, इसे वर्ष के अंत तक सरकार 36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने जा रही है । उनका कहना है कि इस तरह यूपी की जीडीपी नौ वर्षों में तीन गुने की वृद्धि दर्ज करवाने जा रही है । उन्होंने कहा है कि इसी तरह राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी नौ वर्षों में 45000 से बढ़कर 120000 रुपये पर पहुंच रही है । उनका कहना है कि आज प्रदेश हर सेक्टर में विकास कर रहा है । मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया गया है, उसी प्रकार उनकी सरकार 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश के विजन पर काम कर रही है । देखा जाए तो यह जरूरी भी है, अगर भारत को 2047 तक विकसित देश बनना है तो यूपी को भी विकसित राज्य बनाना होगा । 25 करोड़ की जनसंख्या वाला देश पिछड़ जाता है तो भारत कैसे विकास कर सकता है । नीति आयोग के सीईओ सुब्रमण्यम ने कहा है कि विकसित भारत बनाना है, तो यूपी को विकसित बनाना ही पड़ेगा । उनका कहना है कि अगर यूपी एक देश होता तो पांचवा सबसे बड़ा देश होता । जहां योगी उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष के नेताओं का कहना है कि यूपी पहले से ज्यादा बर्बाद हो गया है । यूपी के बारे में सरकार हवा-हवाई प्रचार कर रही है ।
यूपी के विकास का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि योगी के 6 साल के शासन में यूपी की जीडीपी दो गुना हो गई थी । वर्ष 2016-17 में यूपी की जीडीपी 12.47 लाख करोड़ रुपये थी, जो कि वर्ष 2023-24 में बढ़कर 24.39 करोड़ रुपये हो गई । हमें याद रखना चाहिए कि जहां यूपी ने अपनी जीडीपी सिर्फ 6 साल में दुगुनी कर ली, वहीं दूसरी तरफ भारत की जीडीपी को दोगुना होने में दस वर्ष का समय लगा है । देखा जाए तो यूपी की अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था से कहीं ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है । अगर यूपी अपनी इस रफ्तार को बनाए रखता है तो वो भारत का ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है । यह सब एक संत के शासन में हो रहा है जिनका कुछ बड़े नेताओं ने मजाक बनाते हुए कहा था कि तुम बाबा हो, यहां क्या कर रहे हो, मठ में जाओ, घंटी बजाओ । जब उत्तर प्रदेश में राम मंदिर का निर्माण हुआ तो उसके विरोध में कहा गया कि यह जनता के पैसों का दुरुपयोग है, इससे कई दूसरे लोक कल्याण के काम हो सकते थे हालांकि राम मंदिर निर्माण में सरकार ने पैसा नहीं लगाया है । यह काम भक्तों के दान से हुआ है । राम मंदिर में हर महीने एक करोड़ भक्त दर्शन करने आ रहे हैं जबकि पहले इतने भक्त एक साल में आते थे ।
ऐसे ही काशी विश्वनाथ मंदिर में भी भक्तों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है । इसके कारण यूपी के पर्यटन उद्योग को पंख लग गए हैं । इसे लोग मंदिर इकोनॉमी का नाम दे रहे हैं जिसमें भक्तों के कारण यूपी की अर्थव्यवस्था को बड़ी मदद मिल रही है । अयोध्या के बारे में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ही अयोध्या में बीस हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल चुका था । यूपी सरकार की मदद से अयोध्या में हजारों लोगों ने होम स्टे खोल दिए हैं जिनमें भक्त आकर रुकते हैं । इसके अलावा अयोध्या में बड़ी-बड़ी कंपनियों के होटल खुल रहे हैं । सरकार द्वारा बनाई गई टेंट सिटी भी फुल रहती है । लोग हजारों रुपये खर्च करके अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने आ रहे हैं । इसके कारण स्थानीय लोगों के कारोबार में जबरदस्त इजाफा हुआ है और अयोध्या के आसपास के जिलों में भी इसका बड़ा असर हुआ है । वाराणसी में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं । योगी जी अन्य मंदिरों में सुविधायें बनवा रहे हैं ताकि वहां भी भक्तों की भीड़ बढ़ जाए ताकि यूपी के पर्यटन का बढ़ावा दिया जा सके । एक अनुमान के अनुसार राम मंदिर के कारण अयोध्या में एक लाख करोड़ का व्यापार बढ़ने वाला है । इसके कारण अयोध्या में हजारों करोड़ का निवेश आ रहा है । देखा जाए तो यूपी की अर्थव्यवस्था में मंदिर की अर्थव्यवस्था बड़ी भूमिका निभाने जा रही है ।
हमें याद रखना चाहिए कि पर्यटन के लिए कानून-व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए क्योंकि जब पर्यटक कहीं घूमने जाता है तो वो पहले वहां की कानून-व्यवस्था के बारे में जरूर सोचता है । अगर किसी प्रदेश की कानून-व्यवस्था अच्छी न हो तो वहां पर्यटन बढ़ ही नहीं सकता । बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री योगी कानून-व्यवस्था के मामले में नो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं । उनकी इस नीति के कारण यूपी में अपराधियों के बीच भय का माहौल है । योगी ने यूपी से संगठित अपराधों का लगभग सफाया कर दिया है । यूपी की कानून-व्यवस्था के बारे में अब पूरा देश जान गया है, इसलिए पर्यटन बढ़ रहा है और निवेशकों ने यूपी में आना शुरू कर दिया है । 2023 में यूपी सरकार ने लगभग 30 लाख करोड़ के निवेश समझौते किए हैं । केन्द्र सरकार की बड़ी योजनाएं भी प्रदेश में आ रही हैं । विकास और पर्यटन के लिए जरूरी है कि राज्य में आवाजाही आसान हो । योगी के आने से पहले 70 सालों में यूपी में सिर्फ एक एक्सप्रेसवे था, आज यूपी में 13 एक्सप्रेसवे हैं जिनमें से कुछ पूरे हो गए हैं और कुछ पूरे होने वाले हैं । इनके जरिये सरकार पूरे प्रदेश को जोड़ने में लगी है और यूपी को पूरे देश से जोड़ रही है ।
यूपी सरकार चाहती है कि प्रदेश का कोई भी जिला पिछड़ा न रह जाए, इसके लिए जरूरी है कि वो अन्य जिलों से जुड़ा रहे । इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर विश्वस्तरीय हवाई अड्डों का निर्माण किया है । आज उत्तर प्रदेश भारत का एकमात्र राज्य है, जहां 13 एक्सप्रेसवे और 20 एयरपोर्ट हैं । इसके कारण यूपी का निर्यात भी लगातार बढ़ रहा है । इसके अलावा यूपी को डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर से भी जोड़ा जा रहा है ताकि यूपी के उत्पादों को बंदरगाहों तक जल्दी और किफायती तरीके से पहुंचाया जा सके । यूपी बंदरगाहों से बहुत दूर है, इसलिए प्रदेश में ड्राई पोर्ट बनाए गए हैं । ड्राई पोर्ट उस जगह को कहा जाता है, जहां से पोर्ट तक माल आसानी से पहुंचाया जा सकता है । यूपी में वॉटरवे भी बनाया जा रहा है, जिससे सामान को बंगाल के पोर्ट तक पहुंचाया जा सके ।
उत्तर प्रदेश के विकास में सरकार की एक नीति ने बड़ा काम किया है, उसका नाम है, ओडीओपी( वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट) । इसे योगी सरकार ने 2018 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य था कि यूपी के उत्पादों को ग्लोबल पहचान दिलाई जा सके । इसके लिए हर जिले से एक उत्पाद को चुना गया और फिर सरकार ने उसके विकास के लिए सुनियोजित तरीके से काम किया । सरकार ने 75 जिलों में 75 उत्पादों की पहचान की, जिनके बारे में यहां बात करना संभव नहीं है । अगर सिर्फ एक उत्पाद की बात करें तो यूपी में काला नमक चावल इसका बड़ा उदाहरण है । 2018 में काला नमक चावल सिर्फ 15 किसानों द्वारा लगाया जाता था, उसकी सही कीमत भी उन्हें नहीं मिलती थी । अब इसे लगभग हजार किसानों द्वारा लगाया जा रहा है और इसकी अच्छी कीमत उन्हें मिल रही है । आज यह दुनिया के कई देशों में यूपी को पहचान दिला रहा है ।
ओडीओपी के कारण यूपी में स्टार्टअप कल्चर को जबरदस्त बढ़ावा मिला है । अगर महत्वपूर्ण उत्पादों की बात करें तो लखनऊ की चिकनकारी, हरदोई और बाराबंकी का हेंडलूम उद्योग, सीतापुर का कारपेट, उन्नाव की जरी-जरदारी, कानपुर की हाजिरी और वस्त्र उद्योग उल्लेखनीय हैं । इसके कारण यूपी के निर्यात को जबरदस्त फायदा मिल रहा है । इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि यूपी से पलायन कम हो गया है । लोगों को घर बैठे काम मिल रहा है तो उन्हें दूसरे प्रदेशों में जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है । यही कारण है कि यूपी की प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है । इसके बावजूद कहना होगा कि अभी भी यूपी में बहुत काम होना शेष है । यूपी दशकों तक बीमारू राज्य रहा है, इसलिए इससे बाहर निकलना आसान नहीं होने वाला है । योगी सरकार ने जो कर दिखाया है, उसके बारे में पहले सोचा भी नहीं गया था । यूपी की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नोएडा का यूपी सरकार लगातार विस्तार कर रही है । एक नोएडा के बाद कई नोएडा बन रहे हैं. आने वाले वर्षों में यह शहर पूरे देश की अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व कर सकता है ।
राजेश कुमार पासी