कविता

योग साधना

योग भगाए रोग सब, करता हमें निरोग।
तन-मन में हो ताजगी, सुखद बने संयोग।।

योग साधना जो करे, भागे उसके भूत।
आलस रहते दूर सब, तन रहता मजबूत।।

खुश रहते हर पल सदा, जीवन में वो लोग।
आत्म और परमात्म का, सदा कराते योग।।

योग करें तो रोग सब, भागे कोसों दूर।
जीवन सुखदाई बने, चमके खुशियां नूर।।

योगासन करता सदा, तन-मन को तंदुरुस्त।
बने रक्त संचार से, मांसपेशियां चुस्त।।

देता है हम सबको यही, योग दिवस सन्देश।
दूर रहे सब व्याधियां, सबल- स्वस्थ हो देश।।

योग साधना साधकर, करें शुद्ध आचार।
नेति क्रिया जब स्वस्थ हो, रहते नहीं विकार।।

-डॉ. सत्यवान सौरभ