उसने पहले ढंग से
जाना गेम का सब ट्रिक्स
फिर मैच को
अच्छे से किया फिक्स
जब शोर हुआ तब
राजनीति से किया उसे मिक्स
पकड़ा गया
फिर भी शर्म नहीं
किसी बात का
कोई गम नहीं
क्योंकि उसे मालूम है
यहां मैच को
करके मिक्स और फिक्स
कैसे
मारा जाता है सिक्स !
उसने पहले ढंग से
जाना गेम का सब ट्रिक्स
फिर मैच को
अच्छे से किया फिक्स
जब शोर हुआ तब
राजनीति से किया उसे मिक्स
पकड़ा गया
फिर भी शर्म नहीं
किसी बात का
कोई गम नहीं
क्योंकि उसे मालूम है
यहां मैच को
करके मिक्स और फिक्स
कैसे
मारा जाता है सिक्स !
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रहा है। ऐसे में मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। प्रवक्ता डॉट कॉम इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।
Good One !!!!