राजनीति

मोदी सरकार की उपलब्धियां

-फख़रे आलम-

narendra-modi

नई सरकार की उपलब्ध्यिां गिनाये अथवा मोदी सरकार की बात एक ही है। अभी तक मोदी सरकार अपने ऐतिहासिक जीत से बाहर नहीं निकली है। पार्टी में पुरस्कार बाटने और जीत का श्रेय जारी है और ऐसी हो भी क्यों नहीं स्वतंत्रता प्राप्ति के 67 वर्ष का संघ का परिश्रम जो रंग लाया है जिसके लिए संघ प्रमुख सभी भारतीयों के लिए आभारी है जो परिपक राजनीति है वही पार्टी में अच्छे कप्तान ओर मैन ऑफ द मैच की चयन प्रक्रिया जारी है, वैसे भाजपा और संघ को अपने संस्कृति, धर्मिक और राजनीति संगठनों का आभारी तो रहना ही चाहिए साथ में उन्हें यूपीए और कांग्रेस का बहुत-बहुत आभारी होना चाहिए, जिन्होंने भाजपा की जीत के लिए इतनी बड़ी प्लेटफॉर्म तैयार किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का वह अंश जो मुझे समझ में नहीं आया कि वह न तो खायेंगे और न ही खाने देंगे। यह उन्होंने किस संदर्भ में कहा, यह उनका दिल जानता है। अगर भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में कहा है, तो बड़ी अच्छी बात है कि अब वह न तो खायेंगे और न ही खाने देंगे। और अगर आम जनता को खाने से रोकेगे, तो और अच्छी बात है क्यों कि बिना उनके रोके ही, लोगों ने खाना बन्द कर दिया है।

अभी-अभी मोदी की सरकार ने अपने कार्यकाल का दो महीने पूरा करके तीसरे महीने में प्रवेश कर चुकी है। प्रधानमंत्री के लाल किला से सम्बोध्न से पूर्व भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगभग 40 मिनट सुनने को मिला, प्रधानमंत्री तीन महीनों के उपरान्त खूब बोले ओर अच्छा बोले। भाजपा नहीं आम जनों को अच्छा लगा। अपनों के लिए बोले, विरोधियों के लिए बोले, देश और देश की जनता के लिए भी बोले। प्रधानमंत्री को ऐसे ही बोलते रहना चाहिए। देश की आंतरिक और बाहरी शान्ति और सुरक्षा पर भी बोले। जम्मू और कश्मीर में जाकर पाकिस्तान पर भी बोले और सटीक बोले।

नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के तुरन्त बाद से ही खूब विदेशों का दौरा कर रहे है और यह अच्छी बात है तब तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के नाते मेरे ऊपर जिम्मेदारी है देश को मजबूत करने की पड़ोसियों से सम्बन्ध सुधरने की। देश में निवेशकों को लाने की। रोजगार के अवसर पैदा करने की अथवा आलू प्याज बेचने की। प्रधानमंत्री से निवेदन है कि वह अपने न खायें क्योंकि वह चौदह वर्ष तप कर निकले हैं। उन्हें खाने की आवश्यकता भी नहीं है और न ही अपने सरकार और मंत्रालय के लोगों को खाने दें। उनके प्रधानमंत्री बनने और भाजपा के सत्ता में आते ही अनेको धर्मिक ओर संस्कृति संगठन जोर व शोर से मैदान में आ गये हैं और धर्म के नाम पर उनकी दुकानें चल निकली हैं। समय समय पर पाकिस्तान की ऐसे ही डराते रहना चाहिए। भारतीय राजनीति की सबसे सपफल दवा है। नेपाल और अफगानिस्तान को आर्थिक मदद भी देते रहना चाहिए। मध्य एशिया में कूटनीति की सबसे प्रमुख कारण है।

इन सब व्यस्ताओं और पुरस्कार वितरण समारोह के मध्य प्रधानमंत्री ने अपने पार्टी के संसदों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ साथ मंत्रियों के साथ बैठक बड़ी अच्छी शुरूआत है। सबसे सपफल कदम मोदी सरकार की विदेश नीति रही, जिसके श्रेय उनके विदेशमंत्री की सूझबूझ और परिपक्वता को जाता है। नये सरकार के गृहमंत्री और वित्तमंत्री के कार्यपद्धति का जवाब नहीं। खासकर मोदी सरकार के कृषि मंत्री के भाषण ने मुझे प्रभावित किया और मैं उनकी कार्यशैली में बेहतर भारत और उज्ज्वल किसानों का भविष्य देखता हूं। मोदी सरकार में मानव संसाध्न मंत्री अभी तक अपना शैक्षिक प्रमाणपत्र भी नहीं दे पाई सिर्फ पिछली सरकार में लिये गये निर्णय को बदलने और पलटने में लगी है। जनता बदली जब ही तो सरकार बदली। वर्तमान सरकार को जनता का धन्यवाद और आभारी होना चाहिए।

प्रधानमंत्री को यह अच्छा नहीं लगा कि उनसे कोई हिसाब मांगे और जब कांग्रेस और विपक्ष हिसाब मांग बैठी तो इन्हें और भी अच्छा नही लगा कि जिन्होंने 60 वर्षों तक देश पर शासन किया उन्होंनअ जा तक हिसाब दिया ही नहीं 60 दिनों का क्या हिसाब देना। मोदी सरकार ने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जो काम शुरू किया है वह कन्या कुमारी तक जाने की संभावना है।