गजल उलझे हुए सवालात July 19, 2013 by जगमोहन ठाकन | Leave a Comment जग मोहन ठाकन अजीब से हालात हैं , हम क्या करें ? उलझे हुए सवालात हैं , हम क्या करें ? एफ डी आर्इ विदेशी फंदा लग रहा , ये लोगों के ख्यालात हैं ,हम क्या करे ? धर्मों को उलझाकर कुछ न पा सके तो , तंत्र खुफिया को उलझात हैं,हम क्या करें? कुत्ता […] Read more » उलझे हुए सवालात